UPSC सिविल सेवा परीक्षा की A-Z गाइड: योग्यता, सिलेबस और पैटर्न

UPSC सिविल सेवा परीक्षा

क्या आपका सपना IAS, IPS या IFS ऑफिसर बनकर देश की सेवा करना है? यह प्रतिष्ठित सफ़र देश की सबसे कठिन और सम्मानित परीक्षाओं में से एक, UPSC सिविल सेवा परीक्षा (CSE) को पास करने से शुरू होता है। लेकिन एक नए उम्मीदवार के लिए, इस परीक्षा का विशाल स्वरूप डराने वाला हो सकता है। इसके कितने चरण होते हैं? कौन इसके लिए पात्र है? और आपको असल में पढ़ना क्या है?

यह गाइड आपकी इसी मदद के लिए है। हम UPSC CSE के हर पहलू को सरल और आसानी से समझ में आने वाली भाषा में समझाएंगे, जो लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) तक के आपके सफर का पहला कदम होगा।

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) भारत की प्रमुख केंद्रीय भर्ती एजेंसी है, जिसकी स्थापना 1926 में हुई थी। यह देश में सर्वोच्च सिविल सेवा पदों पर उम्मीदवारों की नियुक्ति के लिए जिम्मेदार है।

सिविल सेवा परीक्षा (CSE) UPSC द्वारा इन उम्मीदवारों के चयन के लिए आयोजित की जाने वाली वार्षिक परीक्षा है। इसका प्राथमिक उद्देश्य सिर्फ ज्ञानी व्यक्तियों को खोजना नहीं है, बल्कि ऐसे लोगों को चुनना है जिनमें भारत जैसे विशाल और विविध देश के प्रशासन को चलाने के लिए आवश्यक सत्यनिष्ठा, योग्यता और नेतृत्व के गुण हों।

CSE के माध्यम से आप इन शीर्ष सेवाओं में शामिल हो सकते हैं:

  • भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS)
  • भारतीय पुलिस सेवा (IPS)
  • भारतीय विदेश सेवा (IFS)
  • भारतीय राजस्व सेवा (IRS)
  • …और 20 से अधिक अन्य प्रतिष्ठित सेवाएं।

UPSC CSE कोई एक परीक्षा नहीं है; यह एक साल तक चलने वाली, तीन-चरणीय प्रक्रिया है जिसे आपको पूरी तरह से परखने के लिए बनाया गया है। आपको आगे बढ़ने के लिए हर चरण को क्रमिक रूप से पास करना होगा।

UPSC Civil Services Selection Process

आइए, हर चरण में क्या होता है, इसे गहराई से समझते हैं:

इसे अक्सर “प्रीलिम्स” कहा जाता है और यह एक स्क्रीनिंग चरण है। इसका एकमात्र उद्देश्य गंभीर उम्मीदवारों को चुनना और मुख्य परीक्षा के लिए उम्मीदवारों की एक उचित संख्या का चयन करना है।

  • प्रकृति: वस्तुनिष्ठ प्रकार (बहुविकल्पीय प्रश्न – MCQs)।
  • पेपर: 200-200 अंकों के दो पेपर।
    • सामान्य अध्ययन पेपर I: यही पेपर आपकी किस्मत तय करता है। इसमें आपका स्कोर यह निर्धारित करता है कि आप मेन्स के लिए क्वालिफाई करेंगे या नहीं। इसमें इतिहास, भूगोल, राजव्यवस्था, अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, और करेंट अफेयर्स जैसे विषय शामिल हैं।
    • सामान्य अध्ययन पेपर II (CSAT): यह पेपर क्वालिफाइंग प्रकृति का है। आपको इसमें केवल न्यूनतम 33% अंक (200 में से 66) प्राप्त करने होते हैं। यह आपकी योग्यता, तार्किक तर्क और कॉम्प्रिहेंशन कौशल का परीक्षण करता है। इसके अंक प्रीलिम्स के कटऑफ में नहीं जोड़े जाते हैं।
  • मुख्य सीख: प्रीलिम्स के लिए आपका पूरा ध्यान GS पेपर-I में स्कोर को अधिकतम करने पर होना चाहिए, और साथ ही यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप CSAT में 33% का आँकड़ा आराम से पार कर लें।

यह चयन प्रक्रिया का केंद्र है। 5-6 दिनों में, आपको नौ वर्णनात्मक पेपर लिखने होते हैं। यहाँ आपका प्रदर्शन ही मुख्य रूप से आपकी अंतिम रैंक निर्धारित करता है।

  • प्रकृति: वर्णनात्मक/निबंध प्रकार (लिखित परीक्षा)।
  • पेपर:
    • पेपर A (भारतीय भाषा) और पेपर B (अंग्रेजी): ये दोनों क्वालिफाइंग पेपर हैं (CSAT की तरह)। आपको प्रत्येक में न्यूनतम 25% अंक प्राप्त करने होते हैं। इनके अंक अंतिम मेरिट सूची में नहीं गिने जाते।
    • पेपर I (निबंध): यह विविध विषयों पर गंभीर रूप से सोचने और विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने की आपकी क्षमता का परीक्षण करता है। (250 अंक)
    • पेपर II, III, IV, V (सामान्य अध्ययन 1, 2, 3, 4): ये चार पेपर मेन्स का मूल हैं, जिसमें भारतीय इतिहास और शासन से लेकर अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी और नैतिकता तक सब कुछ शामिल है। (प्रत्येक 250 अंक)
    • पेपर VI, VII (वैकल्पिक विषय पेपर 1 और 2): आप लगभग 48 विषयों की सूची में से एक वैकल्पिक विषय चुनते हैं। यह आपकी विशेषज्ञता का क्षेत्र होता है। (प्रत्येक 250 अंक)
  • कुल मेरिट स्कोर: अंतिम रैंकिंग इन 7 पेपरों (निबंध + 4 GS + 2 वैकल्पिक) के कुल अंकों पर आधारित होती है, जो कि 1750 अंक है।

यह अंतिम पड़ाव है। जो उम्मीदवार मेन्स का कटऑफ पार करते हैं, उन्हें दिल्ली में UPSC मुख्यालय में साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है।

  • प्रकृति: सक्षम और निष्पक्ष सदस्यों के एक बोर्ड के साथ एक संरचित बातचीत।
  • उद्देश्य: यह आपके ज्ञान का परीक्षण नहीं है (वह मेन्स में पहले ही परखा जा चुका है)। यह आपके व्यक्तित्व का परीक्षण है। बोर्ड आपकी मानसिक सतर्कता, महत्वपूर्ण सोच, विचारों की स्पष्टता, सामाजिक कौशल और एक उच्च-जिम्मेदारी वाली नौकरी के लिए आपकी समग्र उपयुक्तता का आकलन करता है।
  • अंक: साक्षात्कार 275 अंकों का होता है।
  • अंतिम मेरिट सूची: आपकी अंतिम रैंक आपके मेन्स स्कोर (1750) + साक्षात्कार स्कोर (275) = 2025 अंकों के योग पर आधारित होती है।
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इससे पहले कि आप इस परीक्षा के लिए वर्षों समर्पित करें, सुनिश्चित करें कि आप आवश्यक पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं।

  • राष्ट्रीयता: भारत का नागरिक होना चाहिए (IAS/IPS/IFS के लिए)।
  • शैक्षणिक योग्यता: किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी स्ट्रीम (BA, B.Sc, B.Com, B.Tech, MBBS, आदि) में स्नातक की डिग्री
  • आयु सीमा: आपकी आयु 21 से 32 वर्ष के बीच होनी चाहिए (सामान्य श्रेणी के लिए), आरक्षित श्रेणियों के लिए नियमों के अनुसार छूट मिलती है।
  • प्रयासों की संख्या:
    • सामान्य / EWS: 6 प्रयास
    • OBC: 9 प्रयास
    • SC / ST: असीमित प्रयास (निर्धारित आयु सीमा तक)।

UPSC परीक्षा की प्रभावी तैयारी के लिए उसके सिलेबस को अच्छी तरह समझना महत्वपूर्ण है। यह आपके ज्ञान के विशाल सागर में आपकी तैयारी का मार्गदर्शन करने वाले रोडमैप के रूप में कार्य करता है।

एक सफल रणनीति में UPSC प्रीलिम्स सिलेबस का गहन विश्लेषण, उसके बाद UPSC मेन्स सिलेबस की संपूर्ण तैयारी और अंत में, UPSC वैकल्पिक सिलेबस से एक स्मार्ट चयन शामिल है।

अब जब आप परीक्षा की संरचना और सिलेबस को समझ गए हैं, तो सबसे बड़ा सवाल यह है: शुरुआत कहाँ से करें? एक अच्छी शुरुआत आधी लड़ाई जीतने के बराबर है। अपनी यात्रा को सही दिशा देने के लिए यहाँ एक सरल तरीका दिया गया है:

  • NCERT से अपनी नींव मजबूत करें: किसी भी भारी-भरकम किताब को उठाने से पहले, अपनी नींव को मजबूत करें। कक्षा 6 से 12 तक की NCERT की किताबें पढ़ें, खासकर इतिहास, भूगोल, राजव्यवस्था और अर्थव्यवस्था जैसे विषयों के लिए। ये सरल भाषा में लिखी गई हैं और बुनियादी अवधारणाओं को बेहतरीन तरीके से समझाती हैं।
  • रोज़ अखबार पढ़ने की आदत डालें: करेंट अफेयर्स इस परीक्षा की आत्मा है। ‘द हिंदू’ या ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ जैसा एक अच्छा अखबार रोज़ पढ़ने की आदत डालें। यह न केवल प्रीलिम्स और मेन्स में मदद करेगा, बल्कि इंटरव्यू के लिए आपकी सोच को भी विकसित करेगा।
  • सिलेबस और पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र (PYQs) को समझें: सिलेबस की एक प्रिंटेड कॉपी हमेशा अपने पास रखें। इसके साथ ही, पिछले 5-7 वर्षों के प्रश्नपत्रों (PYQs) को देखें। इससे आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि परीक्षा की मांग क्या है और किन विषयों पर अधिक ध्यान केंद्रित करना है।

पेपर I: सामान्य अध्ययन (GS) – 200 अंक
इस पेपर का स्कोर मुख्य परीक्षा के लिए आपकी योग्यता निर्धारित करता है।

  • राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व की सामयिक घटनाएं।
  • भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन।
  • भारत और विश्व का भूगोल – भारत और विश्व का भौतिक, सामाजिक, आर्थिक भूगोल।
  • भारतीय राजव्यवस्था और शासन – संविधान, राजनीतिक प्रणाली, पंचायती राज, लोक नीति, अधिकार संबंधी मुद्दे, आदि।
  • आर्थिक और सामाजिक विकास – सतत विकास, गरीबी, समावेशन, जनसांख्यिकी, सामाजिक क्षेत्र की पहल, आदि।
  • पर्यावरण पारिस्थितिकी, जैव-विविधता और जलवायु परिवर्तन पर सामान्य मुद्दे – जिनके लिए विषय विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं है।
  • सामान्य विज्ञान।

पेपर II: सिविल सेवा अभिवृत्ति परीक्षा (CSAT) – 200 अंक (33% के साथ क्वालिफाइंग)

  • बोधगम्यता (Comprehension)।
  • संचार कौशल सहित अंतर-वैयक्तिक कौशल।
  • तार्किक कौशल एवं विश्लेषणात्मक क्षमता।
  • निर्णय लेना और समस्या-समाधान।
  • सामान्य मानसिक योग्यता।
  • आधारभूत संख्यात्मक अभियोग्यता (संख्याएं और उनके संबंध, परिमाण के क्रम, आदि) (कक्षा X स्तर)।
  • आंकड़ों का निर्वचन (चार्ट, ग्राफ, तालिकाएं, डेटा पर्याप्तता, आदि) (कक्षा X स्तर)।

क्वालिफाइंग पेपर (अंक मेरिट के लिए नहीं गिने जाते)

  • पेपर ‘क’ (भारतीय भाषा): संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल भाषाओं में से एक भाषा का चयन करना होगा (25% अंकों के साथ क्वालिफाइंग)।
  • पेपर ‘ख’ (अंग्रेजी): अंग्रेजी भाषा का पेपर (25% अंकों के साथ क्वालिफाइंग)।

मेरिट के लिए गिने जाने वाले पेपर

  • पेपर I: निबंध – 250 अंक
    • उम्मीदवारों को विभिन्न विषयों पर दो निबंध लिखने होंगे, जो एक सुविचारित लेख लिखने की उनकी क्षमता को प्रदर्शित करेगा।
  • पेपर II: सामान्य अध्ययन I – 250 अंक
    • विषय: भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल और समाज।
  • पेपर III: सामान्य अध्ययन II – 250 अंक
    • विषय: शासन व्यवस्था, संविधान, राजव्यवस्था, सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध।
  • पेपर IV: सामान्य अध्ययन III – 250 अंक
    • विषय: प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव-विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन।
  • पेपर V: सामान्य अध्ययन IV – 250 अंक
    • विषय: नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिरुचि (Ethics, Integrity, and Aptitude)।
  • पेपर VI और VII: वैकल्पिक विषय (पेपर 1 और पेपर 2) – प्रत्येक 250 अंक
    • उम्मीदवारों को दी गई सूची में से एक वैकल्पिक विषय चुनना होगा। यह विकल्प महत्वपूर्ण है क्योंकि यह मुख्य परीक्षा में 500 अंकों को कवर करता है।

सही वैकल्पिक विषय चुनना एक बहुत महत्वपूर्ण निर्णय है, क्योंकि यह आपके अंतिम परिणाम में 500 अंकों का योगदान देता है। इस चुनाव में जल्दबाज़ी न करें और निम्नलिखित बातों पर विचार करें:

  • विषय में रुचि: आपको इस विषय का कम से कम एक साल तक गहराई से अध्ययन करना होगा। विषय में वास्तविक रुचि आपको प्रेरित रखेगी।
  • शैक्षणिक पृष्ठभूमि (Academic Background): यदि आपकी अपने ग्रेजुएशन के विषय पर अच्छी पकड़ है, तो यह एक अच्छा विकल्प हो सकता है। हालाँकि, यह कोई मजबूरी नहीं है। कई टॉपर्स बिल्कुल नया विषय चुनते हैं।
  • स्टडी मटेरियल और मार्गदर्शन की उपलब्धता: सुनिश्चित करें कि आपके द्वारा चुने गए विषय के लिए अच्छी गुणवत्ता वाली किताबें, नोट्स और, यदि आवश्यक हो, तो मार्गदर्शन आसानी से उपलब्ध हो।
  • जनरल स्टडीज (GS) के साथ ओवरलैप: राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र, इतिहास और भूगोल जैसे कुछ विषयों का GS सिलेबस के साथ काफी हद तक ओवरलैप होता है, जिससे आपका समय और मेहनत बच सकती है।

इस संपूर्ण गाइड के साथ, अब आपके पास संपूर्ण UPSC सिविल सेवा परीक्षा प्रक्रिया की एक स्पष्ट और व्यापक समझ है। यात्रा लंबी और कठिन है, लेकिन सही जानकारी और एक समर्पित रणनीति के साथ, CSE को पास करना एक हासिल करने योग्य सपना है।

आपकी UPSC परीक्षा की पूरी जानकारी!

इस गाइड में वह सब कुछ है जो आपको जानना चाहिए: योग्यता, त्रि-स्तरीय परीक्षा पैटर्न, और संपूर्ण सिलेबस।

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